न्यूट्रिलाइट अल्फल्फा कैल्शियम प्लस
Nutrilite alfalfa calcium plus
महिलाओं का सबसे अच्छा मित्र -
कैल्शियम के कार्य-
#स्वस्थ और मजबूत हड्डियाँ तथा दाँत बनाता है और संपोषित करता है।
# हृदय की धडकन को नियंत्रित करता है।
# स्नायु आवेगों को (आकुंचन-प्रसारण) संचालित करता है।
# हार्मोन स्राव को बढाता है।
# एन्जाइम के काम करने में सहायक होता है।
# रक्त का थक्का जमाने में सहायक होता है।
# अतिरिक्त चरबी कम करता है।
# इसके अलावा शारीर में होने वाली सैकड़ों प्रक्रियाओं के काम आता है।
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अनुसंधान से पता चलता है की हड्डियों की कमजोरी महिलाओं के स्वास्थ्य का मुद्दा है। प्रत्येक वयस्क को प्रतिदिन 1200 से 1500 mg कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
महिलाओंमे बोन मास इंडेक्स (BMI) छोटा होने, गर्भधारणा के समय अपर्याप्त कैल्शियम, मोनोपॉज के बाद हार्मोन में परिवर्तन होने के कारण कैल्शियम कम आत्मसात होने के कारण महिलाओं में हड्डियाँ कमजोर होने की संभावना आठ गुना अधिक होती है।
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आपके शरीर में, 99% कैल्शियम आपकी हड्डीयों और दाँतों में जमा है। शेष 1% आपके रक्त और कोशिकाओं में है। इस छोटे से 1% कैल्शियम के बिना आपकी मांसपेशियां सही तरीके से संकुचित नही होगी, आपके रक्त का थक्का नही बनेगा और आपके स्नायु संदेश नही पहुँचा सकेंगे। दूसरे शब्दों में, आपके शारीर की हर कोशिका अच्छी प्रकार कार्य करने के लिए कैल्शियम पर निर्भर है।
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मजबूत हड्डियों को कैल्शियम की अतिरिक्त मात्रा की जरुरत होती है ।
पर्याप्त कैल्शियम खाना इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मानव शारीर में कैल्शियम नहीं बनता । हड्डियोंका का पूर्ण विकास होने के बावजूद, पर्याप्त कैल्शियम इसलिए आवश्यक है क्योंकि उतरी त्वचा, नाख़ून, बाल तथा पसीने द्वारा शारीर हर रोज कैल्शियम गवां देता है । इस तरह गवांये कैल्शियम की भरपाई हर रोज आहार द्वारा की जानी चाहिए । जब इन क्रियाकलापों को करने के लिए आहार में पर्याप्त कैल्शियम नहीं होता, कैल्शियम हड्डियों से लेना पडता है, जो कैल्शियम का स्टोरेज है ।
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उचित तरीके से शारीरिक कार्य करने के लिए, रक्त में कैल्शियम का स्तर स्थिर रहना चाहिए। ऐसा हो, इसके लिए आपको दिन में पर्याप्त खाना होगा, अन्यथा अपेक्षित स्तर बनाए रखने के लिए आपका रक्त आपकी हड्डियों में से कैल्शियम "खींच लेगा"। और आपकी हड्डियां कमजोर होती जाएंगी और उनमें टूटने का खतरा बढ़ सकता है। इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते है।
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कैल्शियम के अभाव से दिखने वाले लक्षण:-
# हॉर्मोन संबधित: अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, अचानक बहुत गरमी लगना, डिप्रेशन।
# हड्डियोंसे जुड़े लक्षण: कमर/जोड़ों में दर्द। हड्डियों का नर्म पड़ना, स्ट्रेस फ्रैक्चर (खासकर पैरों/टांगों में), ऑस्टियोपोरोसिस।
#स्नायु की अचानक अकड़न (पिंडलियों/पैरों की उँगलियों में)
# हात, पैर, चेहरे पर बधिरता, फड़कना।
# याददाश्त खोना/कम होना।
#दिल का अचानक जोर से धड़कना।
# बच्चों में नाक से खून बहना।
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मैग्नेशियम:-
शारीर को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। पौटेशियम को पचाता है। प्रोटीन सिंथेसिस में सहायक है। मैग्नेशियम शारीर में होनेवाली 300 बायोकेमिकल प्रतिक्रियाओं में हिस्सेदार है।
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विटामिन "डी " :
कैल्शियम के चयापचय में सहायता प्रदान करता है। आंत से रक्त प्रवाह तक कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे रक्त में कैल्शियम स्तर के बनाए रखने में सहायता मिलती है। विटामिन डी की कमी से कैल्शियम के अवशोषण को नुकसान होता है, हड्डियों की घिसाई और हड्डियों की क्षति अधिक होती है।
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संभावित उपयोगकर्ता:-
महिलाएं, बच्चे, किशोर, बुजुर्ग, गर्भवती/स्तनपान करवाने वाली महिलाएं, मेनोपॉज के बाद अति आवश्यक।
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उपयोग विधि:
दिन में दो बार भोजन के बाद।
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